मौसमी बीमारियों से बचने के लिए अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करे व बीमारी के लक्षण का आभास होते ही ईलाज कराये - डां. मनीष बंजारा .....।

Rupendra kumar ✍️ 🗞️

मुंगेली- महामारी और मौसमी बीमारी से बचाव एवं नियत्रण के लिए ग्राम पदमपुर में अभियान चला कर ग्रामीणों को वर्षा ऋतु में गंदे व प्रदूषित पानी से फैलने वाले बिमारियों से बचने के लिए जागरूक किया गया। डां. मनीष बंजारा ने बताया कि वर्षा ऋतु के साथ पानी में गंदगी फैलने से हैजा, टाइफाइड, पेचिश, दस्त और पीलिया के सर्दी-खासी की बीमारी से लोग पीड़ित होते है। यदि थोड़ी सावधानी बरते तो इन से निजात पाया जा सकता है। इसके साथ ही बरसात मे सर्पदंश व बिच्छूदंश की घटनाएं भी आते रहती है। इसके लिए लोगो को जागरूक करते हुए कहा गया कि सर्पदंश व बिच्छूदंश में झाड़-फूक के बजाय नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र अथवा डाॅक्टर से संम्पर्क कर तत्काल दवाई लेने से समस्या से निजात मिलती है। उन्होने बताया कि हर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मंे दवाईयां उपलब्ध है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डां. शीला साहा एवं डी.पी.एम. गिरीश कुर्रे ने इस विषय को गंभीरता से लिया है और सभी स्वास्थ्य केन्द्रों को सर्पदंश के लिए ऐंटी स्नेक वेनम उपलब्ध कराया गया है। वर्षा के आरंभ होते साथ ही पानी से संबंधित बीमारियां आरंभ हो जाती है इसके लिए आम लोगो को जागरूक होकर साफ पानी का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके लिए पानी को उबाल कर और आवश्यकता अनुसार क्लोरिन टेबलेट का उपयोग करना चाहिए। इसके अतिरिक्त व्यक्तिगत स्वच्छता के तहत हाथ धोना, स्वच्छ भोजन करना चाहिए। बरसात के समय में सर्दी-खासी की समस्या आम होती है इसलिए ऐसे पीड़ित व्यक्तियों से दूरी मेंनटेन करे और सर्दी खासी से पीड़ित व्यक्ति का तौलिया, रूमाल आदि का भूल कर न करे उपयोग। सर्दी-खासी की समस्या आते ही डाॅक्टर से सलाह लेकर तुरंत दवाईयां ले। करोना के बाद सर्दी खासी भी एक बड़ी समस्या के रूप में उभरी है। इसलिए इसे हल्के में न ले और तुरंत ईलाज आरंभ कर दे जिससे अन्य गंभीर समस्या से भी बचा जा सकता है। 

वर्षा ऋतु में गंदे व प्रदूषित पानी से फैलने वाले महामारी और मौसमी बीमारी से बचाव के लिए ग्राम पदमपुर में अभियान चलाकर लोगो को जागरूक किया गया


इसके साथ ही ग्राम पदमपुर के विभिन्न जगह का निरीक्षण कर ब्लीचिंग पाउण्डर का छिड़काव किया गया। पानी की टंकी में क्लोरिन टेबलेट डलवाया गया साथ ही जररूतमंद लोगो को क्लोरिन टेबलेट व ब्लीचिंग पाउण्डर देकर उसके उपयोग करने का विधि बतायी गई। 20 लीटर पानी में 1 क्लोरिन टेबलेट पीस कर डालना चाहिए। गंदगी वाले स्थान व रूके पानी वाले स्थान में ब्लीचिंग  पाउण्डर के छिड़काव से मलेरिया व डेंगू से बचाव होता है। वही गंदे पानी के उपयोग से डायरिया फैलती है। जिसका क्लोरिन टेबलेट के उपयोग से बचाव होता है और डायरिया नहीं फैलती है। पदमपुर में इस जागरूकता अभियान मंे सरपंच, उपसरपंच, सचिव, पंच, शिक्षक, मितानीन एवं गणमान्य नागरिको को जानकारी देकर जागरूक किया गया और लोगो को बताया गया है कि ब्लीचिंग पाउण्डर क्लोरिन टेबलेट स्वास्थ्य केन्द्र के अलावा पंचायत के माध्यम से भी यह दवाईयां मिल जायेगी। सरपंच/सचिव को ब्लीचिंग पाण्डर व उपलब्ध करा दी गई है। आवश्यकता पड़ने पर लोग यहा से प्राप्त कर सकेंगे। 

बिच्छूदंश, सर्पदंश के बारे में जानकारी दी- 

  सर्पदंश से बचने के लिए अंधेरे में बिना जूते-चप्पल के न जाए, झांड़ी और घास के स्थान में जाने से पहले स्थल का गंभीरता से अवलोकन कर ले रात में बाहर निकलने पर टार्च/प्रकाश का उपयोग करे और चूहों का खास ध्यान रखते हुए चूहो को घर के आसपास नही रहने देना चाहिए क्योकि साप चूहो को खाने के उदेश्य से घर में प्रवेश कर जाता है। 


 महामारी के कारण-

महामारी तब फैलती है जब कोई संक्रामक रोग एक बड़े क्षेत्र मे सामान्य से अधिक तेजी से फैलता है। वायरस जैसे इन्फ्लूएंजा, कोरोना वायरस, और अन्य श्वसन वायरस महामारी का कारण बन सकते हैं।  महामारी और जैविक आपदाएँ जैविक उत्पत्ति के खतरों के कारण होती हैं, जिनमें बैक्टीरिया, वायरस, परजीवी, रोग पैदा करने वाले कारक ले जाने वाले मच्छर, और विषाक्त पदार्थ या जैवसक्रिय पदार्थ शामिल हैं जो प्राकृतिक रूप से उत्पन्न होते हैं आमतौर पर, संक्रमण सीधे व्यक्ति-से-व्यक्ति के संपर्क से होता है। ऐसी अवस्था में पीड़ित संे दूरी बनाना भी एक बचाव के लिए महत्वपूर्ण कारक है। 

महामारी और मौसमी बीमारियों से कैसे बचे। 

  हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी से धोना, खांसते और छींकते समय मुंह ढकना, और सतहों को साफ और कीटाणुरहित करना। मौसमी फ्लू और अन्य बीमारियों से बचने के लिए, टीकाकरण करवाना आवश्यक है। बीमार लोगों से दूर रहना, खासकर जब वे खांस या छींक रहे हों। पर्याप्त नींद लेना, स्वस्थ भोजन करना, और नियमित व्यायाम करना। योग, ध्यान, या अन्य आरामदेह गतिविधियों के माध्यम से तनाव कम करना। मानसून के दौरान-सुरक्षित पेयजल-केवल उबला हुआ या शुद्ध पानी पिएं।  मच्छरों से बचने के लिए, मच्छरदानी का उपयोग करें और मच्छर भगाने वाली क्रीम लगाएं।  बारिश में भीगने के बाद, तुरंत कपड़े बदलें।  खुले में रखे खाने से बचें, क्योंकि यह कीटाणुओं से दूषित हो सकता है। 

   इस अवसर पर सेक्टर जरहागांव के सुपरवाईजर शारदा पाठक एवं रजनी जांन, सरपंच अनिल जायसवाल, उपसरपंच विनय यादव, सचिव टोपेश साहू, मीडिल स्कूल के शिक्षकगण, मितानीन व बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।

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