देवांगन समाज के लोग पहुंचे मंदिर, 101 किलो दूध से किया दुधाभिषेक.....✍️🗞️
Rupendra kumar....✍️😎
मुंगेली 0// बसंत पंचमी के पावन अवसर पर पंडरिया रोड पुराना पानी टंकी के पास विराजमान माँ अंगारमोती परमेश्वरी मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिला। मन्दिर समिति की पुजारी श्रीमती दीपा भवानी ने बताया कि माँ अंगारमोती मंदिर में सुबह 10 बजे कलश यात्रा बैंड बाजे के साथ नगर भ्रमण किया गया जिसमें बच्चों और महिलाओं ने कलश यात्रा में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। कलश यात्रा मंदिर प्रांगण से निकलकर खर्रीपारा, शंकर मन्दिर, विनोबा नगर होते हुए पुनः मन्दिर पहुँचे। तत्पश्चात पंडित द्वारा विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर दुधाभिषेक का कार्य प्रारंभ करवाया। जो दोपहर 03 बजे तक लगभग 04 क्विंटल दूध से माता को दुधाभिषेक किया गया
सुबह कलश यात्रा शाम भव्य महाआरती के साथ मन्दिर में मनाया बसन्त पंचमी का पर्व
और सभी लोगों ने प्रसाद स्वरूप दूध, खीर, पूड़ी, रसगुल्ला, चावल, दाल, सब्जी, पापड़ का प्रसाद स्वरूप ग्रहण किया। जिसमें सैकड़ो की सँख्या में श्रद्धालुओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। देर शाम 05 बजे माता की विशेष श्रृंगार कर भव्य महाआरती किया गया। इस दौरान दूर-दूर से पहुँचे श्रद्धालुओं ने कहा कि माता अंगारमोती की महिमा अपरंपार है। वे न केवल भक्तों के सभी दुखों और कष्टों का निवारण करने वाली हैं, बल्कि उनके आशीर्वाद से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है। श्रद्धालुओं ने बताया कि माता की उपासना से न केवल भौतिक सुख मिलता है, बल्कि मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति भी होती है। अंगारमोती माता के प्रति श्रद्धा और विश्वास भक्तों के दिलों में गहरे बसे हुए हैं, और हर साल बसंत पंचमी के दिन इस मंदिर में भारी संख्या में श्रद्धालु पूजा अर्चना के लिए आते हैं।
अंगारमोती मंदिर में 04 क्विंटल दूध से किया गया दुधाभिषेक
इस अवसर पर देवांगन समाज के अध्यक्ष आनंद देवांगन अधिवक्ता, युवा टीम अध्यक्ष दुर्गेश देवांगन शिक्षक, सोशल मीडिया प्रचारक कोमल देवांगन सहित बड़ी संख्या में समाज के लोग अंगारमोती मंदिर पहुंचे और समाज की कुल देवी माता परमेश्वरी की पूजा-अर्चना कर समाज की ओर से 101 किलो दूध से दुधाभिषेक करते हुए समाज की सुख, शान्ति और खुशहाली की कामना की। समाज के लोगों ने बधाई व शुभकामनाएं देते हुए कहा कि बसंत पंचमी केवल ज्ञान और विद्या का ही नहीं, बल्कि प्रकृति के नव निर्माण का पर्व भी है। यह किसानों के परिश्रम, समर्पण और समृद्धि का प्रतीक है। मां सरस्वती के आशीर्वाद से प्राप्त ज्ञान से हम लोक कल्याण, मानवता, विश्व शांति और समृद्धि की ओर अग्रसर होंगे।बसन्तोत्सव प्रकृति के शृंगार व नई ऊर्जा का संचार करने वाला पर्व है। यह दिन माता सरस्वती को भी समर्पित है, जो ज्ञान, संगीत और कला की देवी हैं। यह पर्व हमारी सांस्कृतिक विरासत को बनाए रखने और समाज में ज्ञान, संगीत और कला को बढ़ावा देने का अवसर प्रदान करता है। दुधाभिषेक में विष्णु हॉटल के संचालक सुदामा देवांगन, नितिन देवांगन, अविनाश देवांगन, अजय देवांगन, जगदीश देवांगन, बलराम देवांगन, द्वय अनिल देवांगन, भूपेंद्र देवांगन, डॉ. राज देवांगन, आकाश देवांगन, वीरेन्द्र देवांगन, नानू देवांगन, चेतन देवांगन, तिलक देवांगन तखतपुर, हेमंत देवांगन, पप्पू देवांगन, जलेश देवांगन, अमरनाथ देवांगन, शत्रुहन देवांगन, वासु देवांगन, डॉ. राज देवांगन, डॉ. शुभम देवांगन, धनराज, अभिषेक, गज्जू सहित अन्य लोगों का विशेष सहयोग रहा।
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