डॉक्टर प्रभात चंद्र प्रभाकर के द्वारा नियम विरुद्ध पदोन्नति करने एवं अपने करीबी लोगों को गलत तरीके से भरष्टचार करने का आरोप.....युवा कांग्रेस अध्यक्ष मंजीत रात्रे.... देखिए खास ख़बर.....।
छत्तीसगढ़ // मुंगेली विधानसभा युवा कांग्रेस अध्यक्ष मंजीत रात्रे के द्वारा अपर मुख्य सचिव स्वास्थ एवं परिवार कल्याण विभाग छत्तीसगढ़ शासन के नाम पर अवर सचिव मुकेश चौहान को मंत्रालय नवा रायपुर पहुंचकर जिला मुंगेली के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ अधिकारी डॉक्टर प्रभात चंद्र प्रभाकर के द्वारा नियम विरुद्ध पदोन्नति करने एवं अपने करीबी लोगों को गलत तरीके से भरष्टचार कर ग्रामीण स्वस्थ अधिकारी के पद पर भर्ती के संबंध में अनियमितताओं को लेकर शिकायत किया गया।
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की पदोन्नति में लेन-देन उनके द्वारा लेन देन कर आदेश जारी किया गया था।
उपरोक्त अनुसार, डॉ. प्रभात चंद्र प्रभाकर ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की पदोन्नति में पैसे का लेन-देन किया। यह मामला तब सामने आया जब कलेक्टर को इसकी शिकायत की गई। कलेक्टर ने इस मामले की जांच करवाई और पाया कि पदोन्नति आदेश नियमों के विपरीत जारी किए गए थे। इसके बाद कलेक्टर के निर्देश पर पदोन्नति आदेश को तत्काल निरस्त कर दिया गया।
ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक की नियुक्ति में धांधली भी किया गया है।
एक और अन्य मामले में, डॉ. प्रभात चंद्र प्रभाकर के द्वारा ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक की नियुक्ति में प्रतीक्षा सूची में पहले स्थान पर रहे उम्मीदवार को नजरअंदाज कर राजनांदगांव के एक अन्य उम्मीदवार को नियुक्त किया, जिसके लिए अवैध रूप से लेन-देन हुआ था। इस मामले में भी कलेक्टर की जांच के बाद नियुक्ति आदेश को निरस्त करना पड़ा।
मामले की मांग और आगे की कार्रवाई कब तक.....
इस पूरे प्रकरण को लेकर विधानसभा युवा कांग्रेस मुंगेली के निर्वाचित अध्यक्ष मंजीत रात्रे ने छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने डॉ. प्रभात चंद्र प्रभाकर के खिलाफ सख्त विभागीय जांच और उन्हें तत्काल पद से हटाने की मांग की है। साथ ही चेतावनी दी है कि यदि कार्रवाई नहीं की गई तो मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय का घेराव किया जाएगा।
इस दौरान मुंगेली विधानसभा युवा कांग्रेस अध्यक्ष मंजीत रात्रे ने कहा है की यह मामला अब प्रदेशभर में चर्चा का विषय बन गया है और स्वास्थ्य विभाग की छवि को धक्का पहुंचा रहा है।
इस मामल में तत्काल स्वास्थ एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को तत्काल जांच कर उचित कार्यवाही करनी चाहिए क्योंकि एक तरफ हमारे पढ़े लिखे युवाओं को निश्चित रूप से इससे न्याय मिले और उनके सुनहरे भविष्य के साथ कोई खिलवाड़ ना हो सके।
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