छत्तीसगढ़ी फ़िल्म के जनक श्री मनुनायक के जन्म गृह स्थान कुर्रा (बंगोली) पर GSS टीम का सौजन्य भेंट किया गया -
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रायपुर छ.ग / आज दिनांक को ग्राम - कुर्रामें छत्तीसगढ़ी फिल्मों के जनक एवं पहली छत्तीसगढ़ी फ़िल्म [ई. 1965 में रिलीज़] "कहि देबे संदेस" से ही जातिवाद -धार्मिक-नफरत के खिलाफत क्रांतिकारी फ़िल्म क्लाकार नायक के जन्म गृह स्थान ग्राम कुर्रा में गुरुघासीदास सेवादार संघ [GSS] की टीम ने जाकर उस माटी का दर्शन -नमन किया, जहाँ क्रांतिचेता फिल्मकार मनुनायक ने जन्म वर्षो पूर्व GSS द्वारा मनुनायक जी का भव्य अभिनन्दन कर सरकार से पद्म अलंकरण देने का अनुरोध भी किया है।लेकिन छत्तीसगढ़ फ़िल्म के "कैसे कैसों " को सम्मान मिला, लेकिन सरकार चलानेवालों को शर्म नहीं है ।
आकि, प्रथम छत्तीसगढ़ी फ़िल्म मेकर एवं जातिवादी नफरत के खिलाफ सार्थक फ़िल्म देनेवाले, छत्तीसगढ़ी -किसान माटी पुत्र को अब -तक यह सम्मान नहीं दिया गया है। हम सभी जनवादी- किसान-मजदूर समर्थक- जातिवाद विरोधी शक्तिओं से पुनः अपील करते हैं कि ,वयोवृद्ध 85 वर्षीय मनुनायक को पद्मश्री पद्मभूषण सम्मान से नवाजे जाने सरकार पर अपने -अपने प्रभावों का सदुपयोग है GSS टीम में GSS प्रमुख लखन सुबोध रूपदास टण्डन, भावसिंह चतुर्वेदी, सुश्री श्वेता सिंह , नेतराम खांडे ,नीलेश खांडे रहे। साथ मे गाइड की भूमिका में कुरे पूर्व सरपंच प्रतिनिधि श्री बिसहत कुर्रे
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