छत्तीसगढ़ में धार्मिक-साम्प्रदायिक नफ़रत फैलानेवाले- गिरोह का सतनामियों एवं मुसलमानों के बीच नफरत फैलाने एवं इसका विरोध करने पर "सामाजिक बहिष्कार " की प्रताड़ना झेल रहे " कांग्रेसी- सेक्यूलर " परिवार द्वारा GSS से सहयोग की अपील* पर
रायपुर / रायपुर GSS प्रमुख साहेबश्री लखन सुबोध को श्री संतोष बघेल ,जाति सतनामी ,निवासी ग्राम- पचेड़ा ,थाना -विधानसभा जीरो पॉइंट, तह.-आरंग, जिला रायपुर [ छ. ग.]से एक पत्र प्राप्त हुआ।पत्र विषय संदर्भित GSS टीम द्वारा तथ्यगत जानकारी संकलित की गई ।श्री संतोष बघेल जो अपने आप को कट्टर कांग्रेसी कहता है, वे एक खेतिहर/ कांस्ट्रक्शन मजदूर परिवार से हैं ,ने जो अपनी आपबिती सुनाई और GSS के संज्ञान में जो आया, वह छत्तीसगढ़ के गांवों में पैर पसार रहे जाति - साम्प्रदायिक-नफ़रत और सामाजिक बहिष्कार का घिनौना रूप दिखाता है ।
इस ग्राम पचेड़ा में बहुसंख्यक करीब 60%सतनामी हैं। करीब 15% मुसलमान और करीब 25% OBC की संख्या हैं।
ई.2015 में ग्राम-पंचायत चुनाव में पचेड़ा का सरपंच श्री फरीद कुरैसी चुना जाता है।साम्प्रदायिकता के कीटाणुओं को यह पसंद नहीं आता और वे अंदर ही अंदर साम्प्रदायिकता के जहरीलेपन को फैलाने का इंतजार करते रहते हैं। ई. 2018 का ग्राम पंचायत का चुनाव आता है और फिर से श्री फरीद कुरैसी सरपंच चुनाव में खड़ा होते है।ई. 2015 के चुनाव में सतनामियों ने श्री फरीद कुरैशी को समर्थन दिया था और इसी एकतरफा समर्थन से श्री कुरैशी सरपंच बने थे।
गुरुघासीदास सेवादार संघ" [GSS]* का
2018 के चुनाव में भी श्री कुरैशी का उनके अच्छे कर्म - ब्यवहार से सतनामियों का समर्थन मिलता, लेकिन सांप्रदायिक शक्तियों ने सतनामियों के ठेकेदार नेता बने हुए कुछ लोगों को अपने जाल मे फंसाकर सांप्रदायिक कार्ड खेला गया और इसी षड़यंत्र के तहत सतनामियों के ठेकेदारों ने यह फरमान जारी किया कि, चुनाव मे विधर्मी मुसलमान को वोट नही देना है ,अपनी जाति ( सतनामी) को वोट देना है, जो इस निर्णय के खिलाफ जाएगा उसे आर्थिक दंड व सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा।
*लोकतांत्रिक प्रक्रिया के चुनाव में किसी भी उम्मीदवार का समर्थन या विरोध उनके गुण - दोष के आधार पर करने से किसी को आपत्ति नही होता, लेकिन यहाँ किसी का समर्थन या विरोध जाति व धर्म के आधार पर हुआ।*
GSS की पड़ताल से यह भी मालूम हुआ कि, श्री फरीद कुरैशी की पत्नी मूलतः सतनामी हैं। वे अपनी संवैधानिक आजादी से पति - पत्नी बने एवं ऐसे ही 3 - 4 जोड़े और है जिसमें सतनामी युवतियों ने मुसलिम लड़कों से शादी की है। यहाँ न सिर्फ सतनामी - मुसलिम विवाह का मामला सामने आया, बल्कि करीब 8-10 जोड़ें और हैं ।जिनमे लड़का या लड़की सतनामी, वर्मा, देवांगन , रजक, यादव ,मेहर आदि हैं, जो अंतर्जातीय विवाह अपनी आजादी से किए हैं ।
इस अंर्तजातिय विवाह की आजादी से मुसलमानों ने तो अपने किसी को तो न जुर्माना किया न सामाजिक बहिष्कार किया ।लेकिन *" मनखे-मनखे एके बरोबर"* का बनावटी जाप करने वाले सतनामी ठेकेदारों ने गरीबों को चूसने सामाजिक बहिष्कार का भय दिखाकर खूब " *बोड़ी* " वसूल किया और पंचायत चुनाव मे साम्प्रदायिक कार्ड खेला।
सतनामियों में बहुतों ने तो सामाजिक बहिष्कार के डर से चुप्पी साध लिए, लेकिन श्री संतोष बघेल ने इसका कड़ा विरोध किया और कहा कि ,कौन किसे वोट दे या न दे ,यह व्यक्तिगत विवेक व आजादी है। इस पर सामाजिक बहिष्कार करना अपराध है। मैं कट्टर कांग्रेसी हूं।मैं जाति-सम्प्रदाय के आधार पर वोट नहीं दूंगा और अपनी आजादी अनुसार निर्णय करूंगा।
इससे बौखलाए सतनामी ठेकेदारों ने जो पूरे गाँव के 60% सतनामीयों [करीब 600 की जनसंख्या में] केवल 5 -7 लोग हैं और इनकी विचार धारा व राजनैतिक-सामाजिक संलिप्तता भी दिलचस्प है।इनमें कांग्रेसी, भाजपाई ,बसपाई व जोगी कांग्रेस व कुछ ऐसे हैं जो *"जैसी बहे वयार हवा की ,तासी पीठ कर लीजे "* वाले हैं ।
सतनामी ठेकेदारों ने अपने साम्प्रदायिक़ मंशा को छिपाने के लिए श्री संतोष बघेल पर यह आरोपित किया की वह 18 दिसम्बर 2018 के जयंती चंदा को देरी से दिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जयंती चंदा को 2 दिसंबर को जमा ( प्रति परिवार ₹ 710 रुपए) करना था। इसके बाद जो करेगा वह डबल 1420 रुपए देगा। श्री संतोष बघेल एक भूमिहीन मजदूर हैं। वे तय तारीख में व्यवस्था न कर पाने के कारण डबल चंदा देने 3 दिसंबर को सतनामी समाज के स्वयंभू अध्यक्ष के पास गए, लेकिन उन्होंने कह दिया कि, तुम्हारे से चंदा लेने का मामला सामाजिक पंचायत में तय होगा जाहिर है कि, मामला सिर्फ चंदा का नहीं था,बल्कि सतनामीयों के ठेकेदारों के फरमान- सांप्रदायिक चुनावी निर्णय का उल्लंघन करने का था। इसलिए श्री संतोष बघेल को उनके परिवार व भाई के परिवार को पूरी तरह से सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया है
श्री संतोष बघेल का परिवार तकलीफ ,प्रताड़ना का दुःख भोकते आ रह GSS ने इस मामले पर सरकार को ज्ञापित करेगा कि, इन मामलों की जांच कर दोषियों को दंडित किया जाए और पीड़ित परिवार को न्याय दिया जाए।
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