युवा पार्षद राजशेखर यादव ने डेढ़ साल की बच्चे को किया रक्तदान..
मुंगेली /कोविड 19 महामारी में लोग किसी भी स्थिति में या खुद के परिजन भी हॉस्पिटल में भर्ती हो तब भी इंसान सौ बार सोचता है अस्पताल जाने से पर ऐसी स्थिति में भी नगर के कांग्रेस युवा पार्षद राजशेखर यादव ने मानवता का परिचय देते हुए जिला अस्पताल में डेढ़ साल के बच्चे को रक्तदान किया दरअसल मुंगेली के ग्राम छटन खोसर्रा के निवासी पिता राजू सप्रे के डेढ़ साल के बेटे नवीन सप्रे को थैलसीमिया सिक्लीन नामक बीमारी से पीड़ित हैं तभी पार्षद को किसी ने इस गम्भीरता से अवगत कराया व मदद करने का आग्रह किया तब कांग्रेसी पार्षद ने बिना समय गंवाए बिना मदद सूचना का इंतजार करते हुए स्वंय ही रक्त दान करने का निर्णय लिया वरना आज के महामारी के दौर में स्वंय के परिवार वाले भी कदम पीछे कर लिए परन्तु युवा पार्षद समय न गवाते हुए सही समय पर रक्तदान कर बच्चे के जीवन मे नया उजियारा लाया अब बच्चे को सभी प्रकार के खतरे से बाहर बताया जा रहा,उनके परिवार अब परेशान मुक्त हुए उन्हें आज के समय मे रक्त के लिए थोड़ी मशक्कत करनी पड़ी बच्चा अब स्वस्थ है और परिजनों ने युवा पार्षद के दरियादिली इंसानियत देख दिल से आभार व्यक्त किया
क्या है थैलसिनिया सिकलिन ये प्रायः दो प्रकार के होते है जिनमे एक शिथिल व दूसरा थोड़ा घातक होता है। इस तरह के रोग से पीड़ित व्यक्ति अपने पिता और माता से प्राप्त करते है मतलब ये पूरी तरह से अनुवांशिकी होता है जिसमे दोनों में से एक-एक हीमोग्लोबिन जीन उनके बच्चे प्राप्त करते हैं जिसका असर सिकल सेल रोग जन्मतजात रक्त रोग है जिसके कारण रक्तक्षीणता के लक्षण प्रकट होते हैं। इसकी पहचान बच्चे के जन्म के तीन माह की आयु के बाद ही होती है। इसमें रोगी बच्चे के शरीर में रक्त की भारी कमी होने लगती है जिसके कारण उसे बार-बार बाहरी खून चढ़ाने की आवश्यकता होती है साथ मे दवाइयों की आवश्यकता होती है। इस कारण सभी इसका इलाज नहीं करवा पाते,जिससे 12 से 15 वर्ष की आयु में बच्चों की मृत्य हो जाती है। सही इलाज करने पर 25 वर्ष व इससे अधिक जीने की आशा होती है। जैसे-जैसे आयु बढ़ती जाती है, रक्त की जरूरत भी बढ़ती जाती है लक्षण सूखता चेहरा,लगातार बीमार रहना, वजन ना ब़ढ़ना और तरह के कई लक्षण बच्चों में थेलेसीमिया रोग है
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