नकारा हो गया आबकारी अमला
मुँगेली में अवैध शराब ,चखना ,के कारोबार में मुँग़ेली जिला नाम रोशन कर रहा है। जिला आबकारी विभाग अवैध शराब के विक्रय को बढ़ावा देने के लिए कोचियो से मदद ले रहा है और कोचिया अपना मुनाफा बढ़ाने के लिए अवैध शराब विक्रय के नये-नये तरीके इजाद कर रहे हैं। जिसके चलते जहां पर शराब की दुकानें भी नहीं हैं वहां पर अघोषित रूप से शराब दुकानें संचालित हो रही हैं।
चाय, पान की छोटी होटलें, ढाबा एवं गुमटियां शाम होते ही मदिरा दुकानों में तब्दील हो जाती हैं। यह कारोबार जिले के किसी एक स्थान पर नहीं छोटे-छोटे गांव से लेकर तहसील मुख्यालयों में दिनों-दिन फैल रहा है। कोचिया तथा जिला आबकारी अधिकारियों की सांठ-गांठ से शासन को अरबों रूपये का चूना लगाया जा रहा है। मुंगेली जिले में आबकारी विभाग अवैध शराब विक्रय को रोकने के बजाय अवैध शराब विक्रय को खुला संरक्षण देने में जुटा है।
शासन को करोड़ों रूपये का चूना लगाकर आबकारी विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी अपनी काली कमाई के स्त्रोतों से इजाफा करने में ठेेकेदारों के माध्यम से उन गांवों एवं मुहल्लों में अवैध शराब का विक्रय कराने में सहयोगी बने हुए हैं जहां शराब दुकानें स्वीकृत ही नहीं हैं।
जब साहब को हर महीने समय पर उनका नजराना पहुंचा दिया जाता है तो भला साहब क्यों हमारे काम में दखल अंदाजी करेंगे। देखा भी ऐसा ही जाता है कि, आबकारी विभाग में जाकर कोई लाख शिकायत कर लें, पर उन शिकायतों पर कार्यवाही मानो चिड़िया उड़ ही साबित होती है।
ऐसा नहीं है कि, उक्त आला अधिकारी हमेशा ही अपने कार्यालय की चार दिवारी की कैद में बैठे रहते हों ऐसा भी देखा जाता रहा है कि, इन्हें जब भी मौका मिला है, इन्होनें खामोशी के साथ चौका ही जड़ा है। मजाल है कि, फिर कोई इनकी गिरफ्त से छूट पाया हो। हां यह बात अलग है कि, इनके चौका का लाभ विभाग को भले ही न मिला हो, लेकिन इनके स्वयं के लिए हमेशा ही फायदेमंद रहा है या रहता है।
नकारा हो गया आबकारी अमला
तस्वीरें आने के बाद अधिकारी अवैध शराब कारोबार करने वालों के खिलाफ कार्यवाही करने की बात कर अपना पलडा झाड लेते है । जैसे नेताओं और अधिकारियों को पता नहीं कहा शराब का कारोबार चल रहा। तहसील मुख्यालय के ग्रामीण कस्बों में छोटी मोटी कार्यवाही कर सोशल मिडीया पर अपनी वाहवाही लुटकर अपना रूतबा दिखा देते है लेकिन नगर में कोई बडी कार्यवाही नहीं होती इस लिए अवैध शराब का कारोबार करने वालों के हौसले बुलंद होते जा रहे और अधिकारियों को खुली चुनौती देकर । खुले आम शराब चखना दुकानो की संचालित हो रही हैअपकारी विभाग सिर्फ़ खामोशी ब्या कर रही अपकारी विभाग सिर्फ़ मुह के मिथुन हाई कार्यवाही अघिकारी के मुह से कहने और सुन्ने मे ही अछा लगता है ""कार्यवही के नाम से पैर लड़खड़ाने लगते है"" प्रशासन को जानकरी है फिर भी आँख बंद किये बैठे है""इसकी जानकरी जिला एवं तहसील प्रासन के नाक के नीचे चल रहे है गोरकधंधे की जानकरी सभी को है""किन्तु कार्यवही किसके भय के करण नही कर रहे है यह समझ से परे है या फिर कही ऐसा तो नही इनकी कली कमाई का कुछ हिसा संबंधित अधिकारियो ताक पहुंचाया जा रहा है
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